राजस्थान में हुए निकाय चुनाव का परिणाम 31 जनवरी को घोषित किया गया है। इन चुनावों में कांग्रेस 45 जगह अपना बोर्ड बना सकती है। वहीं भारतीय जनता पार्टी 30 जगह बोर्ड बनाने में कामयाब होती दिख रही है।
नागौर जिले के मूंडवा का चुनाव भी रोचक रहा यहां पर कांग्रेस और RLP में 11 - 11 का कांटे का मुकाबला रहा। जबकि बीजेपी को सिर्फ 2 जगह जीत हासिल हुई और एक जगह निर्दलीय ने कब्जा जमा लिया है। यहां सबसे बड़ी बात यह है की खुद चेयरमैन घनश्याम सदावत चुनाव हार चुके हैं।
कहा ऐसा भी जा रहा है की घनश्याम सदावत उर्फ विक्की सदावत का हार का कारण हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी है। दूसरी ओर एक कारण यह भी बताया जा रहा है की सदावत के RLP के नजदीक जाने से वो चुनाव हार गए हैं।
आप को याद होगा अभी कुछ दिनों पहले हुए पंचायत समिति में कांग्रेस प्रधान बना सकती थी। लेकिन कांग्रेस की आपसी खींचतान में कांग्रेस के चेयरमैन घनश्याम सदावत ने rlp के रेवंत राम डांगा की पत्नी को मूंडवा का प्रधान बना दिया। उसके बाद घनश्याम सदावत को लग रहा था की RLP निकाय चुनाव में उनकी मदद करेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से मूंडवा के प्रधान प्रतिनिधित्व रेवंत राम डांगा चुनाव के दौरान घनश्याम सदावत के कैंप में आते जाते रहते थे और सदावत को इस बात को भी आश्वासन देते की चेयरमैन वो ही बनने वाले है। पर जब 31 जनवरी को आया रिजल्ट कुछ और ही बया कर रहा है। क्युकी कांग्रेस के चेयरमैन के प्रबल दवेदार विक्की सदावत खुद चुनाव हार चुके हैं।
अब मूंडवा में कांग्रेस के 11 और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के पास भी 11 है। बीजेपी के पास 2 और 1 निर्दलीय है। अब चाह बोर्ड कांग्रेस का बने या RLP का बने लेकिन घनश्याम सदावत के हातों से यह चुनाव निकाल चुका है।
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