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खींवसर में जीता हुआ चुनाव हारे हनुमान बेनीवाल, रालोपा की बागी सीमा बनी प्रधान

 





पंचायत चुनाव में नागौर के खींवसर और मूंडवा में बड़ा फेरबदल देखने को मिला। खींवसर में प्रधान बनाने के लिए रालोपा में जी जान लगा कर मेहनत की। और करनी भी जायज है क्युकी हनुमान बेनीवाल की पार्टी ने खींवसर में 31 में से 15 सीटों पर जीत हासिल की। लेकिन जीत के बिल्कुल करीब पहुंच कर भी प्रधान नहीं बना पाए। 


हनुमान बेनीवाल का गढ़ माना जाने वाला खींवसर में उन्ही की पार्टी की बागी सीमा बिडियासर ने कांग्रेस के साथ मिल कर प्रधान बनने की अपनी कूटनीति में सफल हुई।  RLP की बागी सीमा ने करीब 6 वोटों से जीत हासिल की। आप को बता दे कि खींवसर में रालोपा ने 15 सीटें जीती थीं वहीं कांग्रेस ने 8 और भाजपा ने 5 सीटों पर जीत हासिल की इसके अलावा 3 सीटों पर निर्दलीय ने अपना कब्जा जमा लिया। अगर हम खींवसर में वोट बैंक की बात करे तो हनुमान बेनीवाल की पार्टी को खींवसर से लगभग 33 हजार वोट मिले जबकि कांग्रेस ने 30 हजार वोट हासिल किया। अब वोट बैंक से देखा जाए को खींवसर में कांग्रेस काफी मजबूत हुई है वहीं बेनीवाल की पार्टी का वोट बैंक काम हुआ है।


आप को याद होगा की पंचायत चुनाव प्रचार के दौरान राजस्थान सरकार में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने बायतु का बाटाडू में हनुमान बेनीवाल पर निशाना साधते हुए कहा था की बाड़मेर का प्रधान तो छोड़ो! लेकिन खींवसर का प्रधान कौन बनेगा यह रिजल्ट आए तब देखना। अब एक तरफ से देखा जाए तो हरीश चौधरी की यह बात भी सही साबित हुई।



वहीं नागौर के मूंडवा का प्रधान चुनने का मामला भी रोचक रहा। यहां पर कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के चलते प्रधान की कुर्सी से कांग्रेस को हाथ धोना पड़ा जिसका सीधा फायदा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को मिला और मूंडवा से रेवंत राम दांगा की पत्नी विजय हुई। 


नागौर में ज़िला प्रमुख का चुनाव भी बड़ा रोचक रहा। नागौर से बीजेपी के भागीरथ राम चौधरी लॉटरी के जरिए जिला प्रमुख चुने गए। आप को बता दे कि ज़िला प्रमुख चुनाव मे कांग्रेस और बीजेपी को 19-19 वोट मिले थे जबकि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को 09 वोट हासिल हुए।




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