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राजस्थान में मंत्री बनने की लगी होड़, जोड़ तोड़ करने में लगे नेता

अशोक गहलोत फोटो, सचिन पायलट फोटो, अशोक गहलोत और सचिन पायलट, gehlot cabinet



राजस्थान सरकार सियासी संकट से उबरने के बाद फिलहाल कांग्रेस के अंदर शांति है। लेकिन यह जो सरकार के अंदर शांति है इसे आप तूफ़ान से पहले की शांति कह सकते हो। क्योंकि शांति के अंदर अशांति की आहुति डाली जाएगी। इसके पीछे का कारण है मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तिया और संगठन विस्तार। मंत्रिमंडल विस्तार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने यह परेशानी जरूर होगी कि किस विधायक को मंत्रिमंडल से बाहर करें और किसको अंदर करें। क्योंकि राजस्थान में केवल 30 विधायकों को ही मंत्री पद दिया जा सकता है। जबकि 5-6 मंत्री पद सचिन पायलट के नेताओं को भी मिल सकता है।


दूसरी तरफ समस्या यह भी है कि गहलोत ने पहले भी कहा था जो विधायकों ने उनका साथ दिया है उनको इनाम जरूर देंगे। और फिर बसपा से 6 विधायक कांग्रेस में आए है उनको भी मंत्री पद चाइए, साथ ही निर्दलीय और बीटीपी के विधायक वहीं चाहते है की उनको भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए।

अब सभी विधायक अपने अपने नेताओं को मनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। एक तरफ बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गुणगान कर रहे है। कल अवाना इंद्रा रसोई में खाना खाते खाते इंद्रा गांधी के साथ साथ सीएम अशोक गहलोत की तारीफ करते हुए दिखाई दिए। तो आज राजेंद्र गुड्डा का बयान आया की अशोक गहलोत जिंदाबाद थे, अशोक गहलोत जिंदाबाद हैं और अशोक गहलोत जिंदाबाद रहेगें। ऐसा लग रहा था मानो गुड्डा गदर फिल्म देख कर सियासी गदर में खुद को सबसे आगे दिखाना चाहते है।


वहीं दूसरी तरफ सचिन पायलट है जिनसे आज उनके समर्थक लाडनूं विधायक मुकेश भाकर और परबतसर विधायक रामनिवास गावडिया ने मुलाकात की। जबकि बाकी विधायक भी लगातार मंत्री बनने के लिए दावदारी ठोक रहे हैं। लेकिन यह बात सब को पता है की सभी विधायकों को मंत्री बनना नामुमकिन है। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा की अशोक गहलोत और सचिन पायलट अपने अपने गुट के विधायकों को संभाल कर कांग्रेस में एकजुटता कैसे दिखाते है।

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