राजस्थान में सियासी संकट के बाद में हर कोई सत्ता पक्ष की बात कर रहा है। लेकिन विपक्ष राजस्थान के इन ड्रामा में बिल्कुल शांत नजर आ रहा था। विपक्ष में आज किसी भी प्रकार की बात नहीं हो रही है। हालांकि इस बात से बिल्कुल इनकार भी नहीं किया जा सकता है कि विपक्ष ने अंदरूनी तौर पर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने की पूरी कोशिश की है। लेकिन उनकी सारी कोशिशें असफल रही है।
यह बात आप सबको पता है कि राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच में दो गुट बने हुए हैं। लेकिन इस मामले में राजस्थान बीजेपी भी पिछे नहीं है। बीजेपी में भी अंदरूनी तौर पर कई सारी कलह चल रही है। इसमें राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया और दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का गुट शामिल है।
लेकिन हम बात करने जा रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राजेंद्र राठौड़ की। राजेंद्र राठौड़ भी वसुंधरा राजे सिंधिया के कभी दिन करीबी माने जाते थे। लेकिन पिछले काफी वक्त से वसुंधरा राजे और राजेंद्र राठौड़ के बीच में कोई मंत्रणा नहीं हुई है। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से जयपुर में कई नेताओं ने उनके आवास सिविल लाइंस बंगला नंबर 13 पर मुलाकात की है। लेकिन वहां पर राजे से मिलने राजेंद्र सिंह राठौड़ पहुंचे।
राजेंद्र राठौड़ की वसुंधरा राजे से मुलाकात नहीं होने के पीछे कहीं ना कहीं यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि राठौड़ और वसुंधरा राजे के बीच में राजनीतिक दूरियां आ गई है। राजनीतिक गलियारों में ऐसी गपसप चल रही है कि यह दूरियां मुख्यमंत्री बनने की ख्वाइश से आई है।
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