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फंसा गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार, सीएम नहीं करना चाहते हैं विस्तार



राजस्थान की गहलोत सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद में कांग्रेस के विधायक मंत्री बनने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। लेकिन इन विधायकों को फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार करना पड़ेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अभी कई महीने तक आलाकमान और खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं करना चाहते हैं। सीएम गहलोत स्थानीय निकाय चुनाव और सरपंचों के चुनाव तक मंत्रिमंडल विस्तार को टालना चाहते हैं। ऐसे मे देखा जाए तो लगभग 5 महीने तक राजस्थान में मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होगा। वहीं दूसरी ओर पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट जल्दी से जल्दी प्रदेश के अंदर मंत्रिमंडल का विस्तार करवाना चाहते हैं। ताकि जो विधायकों ने उनका साथ दिया है उनको मंत्रिमंडल में जगह मिल पाए।


सूत्रों के अनुसार मंगलवार को मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा को लेकर कांग्रेस नेता अहमद पटेल से मिले थे। और उन्होंने अहमद पटेल से कहा कि राजस्थान में जल्दी से मंत्रिमंडल का विस्तार करवाया जाए। वह कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने इस मामले को लेकर प्रियंका गांधी से बैठक की है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान भी सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच में गुटबाजी को देखते हुए इतना जल्दी मंत्रिमंडल विस्तार नहीं करना चाहते हैं। यानी आलाकमान भी मंत्रिमंडल विस्तार को लंबा खींचने के मूड में है।


बताया जा रहा है कि आलाकमान की योजना है कि प्रदेश के नवनियुक्त प्रभारी सभी जिलों में दौरा करें वहां पर बैठ के लिए कार्यकर्ताओं से मिले। सारी फीडबैक लेने के बाद में वह अपनी रिपोर्ट आलाकमान के सामने रखें। ऐसे में प्रभारी की रिपोर्ट भी गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार का आधार बन सकती है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान कैबिनेट विस्तार को लेकर आलाकमान पर दबाव बना रहे हैं ऐसी खबरें भी सामने आ रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का इलाका मान को कहना है कि कांग्रेस के जिन 102 विधायकों ने कांग्रेस को बचाने के लिए अपना योगदान दिया उनको मंत्रिमंडल में जगह दी जाए। इसके साथ-साथ सीएम गहलोत ने यहां तक कह दिया कि 102 विधायकों को छोड़कर यदि सचिन पायलट कूट के विधायकों को मंत्री बनाया जाता है तो यह विधायक नाराज हो जाएंगे। इसके साथ ही सीएम गहलोत ने आलाकमान के सामने यह भी तर्क रखा कि अगर पायलट गुट के विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करना है तो फिर अभी मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया जाए। उन्होंने कहा की मंत्रिमंडल विस्तार से पहले नगर निकायों और ग्राम पंचायतों के चुनाव काम का अवसर देखकर पायलट गुट के विधायकों को परखना चाहिए।

पायलट करवाना चाहते है अपनी तागत का अहसास
सचिन पायलट अपने गुट से हटाए गए विधायकों को मंत्री बनाने के साथ-साथ अपने कोटे से अन्य विधायकों को भी मंत्री बना कर जनता के सामने यह संदेश देना चाहते हैं कि उनकी ताकत कितनी है। दूसरी और खबर तो ऐसी भी मिल रही है कि आलाकमान चाहता है कि सचिन पायलट फिर से शामिल हो। इसके लिए सचिन पायलट को मनाने की कोशिश जारी है। ऐसी पूरी कवायद को देख कर तो ऐसा ही लग रहा है कि फिलहाल राजस्थान के अंदर मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होने वाला है। प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के लिए कांग्रेस के विधायकों के साथ साथ फिलहाल प्रदेश की जनता को भी थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है।


ऐसा माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में भी गहलोत और पायलट गुट आमने-सामने हो सकता है। क्योंकि अशोक गहलोत ज्यादा से ज्यादा अपने गुट के विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते हैं तो दूसरी ओर सचिन पायलट चुप नहीं है वह भी चाहते हैं कि उनके विधायक ज्यादा मंत्रिमंडल में शामिल हो।हालांकि आखिरी फैसला हाईकमान पर है कि वह किस को मंत्री का पद देना चाहते हैं। इसके लिए हाईकमान प्रदेश प्रभारी को कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच में भेज कर एक रिपोर्ट तैयार करेगा। उस रिपोर्ट को देखकर ही तय होगा कि कौन से विधायक को मंत्री का पद दिया जाए।

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