कांग्रेस में मौजूदा हालात पर कुछ समय और अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए मना लिया गया है। लेकिन पार्टी के युवा नेताओं के साथ साथ वरिष्ठ नेताओं की भी यही मांग है की एक बार फिर से अध्यक्ष पद की कमान राहुल गांधी को दी जाए। और यही बात कांग्रेस के कार्यकर्ता कर रहे है। इन सब का कहना हैं की राहुल गांधी ही कांग्रेस को एकजुट रख सकते हैं।
गौरतलब है की फिर से राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाता है तो वो युवा नेताओं को साथ लेकर चलने के मूड में है। ऐसे में सचिन पायलट भी राहुल गांधी के काफी करीबी माने जाते है तो संभव है की राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाने के बाद सचिन पायलट को महासचिव का पद दे दिया जाए।
आप को बता दे की कल यानी सोमवार को हुई cwc की बैठक में कई वरिष्ठ नेताओं पर बीजेपी के एजेंट होने का आरोप लगाया गया। जिसको शीर्ष नेताओं ने नकार दिया और उन्होंने कहा कि अगर हम बीजेपी के संपर्क में है तो अभी के अभी इस्तीफा देने को तैयार है। इस बात को लेकर आईसीसी के अंदर हंगामा खड़ा हो गया। वहां पर शीर्ष नेताओं की नाराजगी भी साफ तौर पर नजर आ रही थी।
कल हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में शीर्ष स्तरीय नेताओं पर सवाल के जवाब खड़े किए गए। इन सब को सुनने के बाद एक वरिष्ठ नेता का बयान आया कि उनके लिए पद जरूरी नहीं है बल्कि उनके लिए देश जरूरी है।
सूत्रों की जानकारी के अनुसार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुझाव दिया कि सचिन पायलट को महासचिव का पद सौंप दिया जाए। आपको बता दें कि जब राजस्थान में सियासी ड्रामा हुआ था तो सचिन पायलट की कांग्रेस में वापसी से पहले प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात हुई। जिसमें सचिन पायलट ने आलाकमान के सामने कुछ शर्ते रखी है जिसके बाद ही उनके कांग्रेस में वापसी हुई।
इन सबके बाद से ही ऐसी कयासों का दौर शुरू हो गए हैं कि सचिन पायलट को केंद्रीय नेतृत्व में आलाकमान कुछ पद दे सकता है।
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