ऐसा लग रहा है कि राजस्थान की राजनीति में सचिन पायलट और गहलोत गुट अभी भी आमने-सामने है। जिसकी एक तस्वीर पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह के ऑफिशियल ट्विटर पेज पर देखने को मिली। जिसमें उन्होंने मुकेश भाकर के साथ में अपना फोटो अपलोड किया और साथ में शेर का स्टीकर भी लगाया है। इसे आप गहलोत को खुली चुनौती और भाकर को पूरा समर्थन मान सकते हैं।
आपको बता दें कि आज यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश घोघरा अपना पदभार ग्रहण करेंगे। घोघरा के शपथ समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, अजय माकन और खेल मंत्री अशोक चांदना सहित अन्य नेता शामिल होंगे। लेकिन इस समारोह में यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मुकेश भाकर को बुलाया तक नहीं गया है।
आपको बता दें कि प्रदेश यूथ कांग्रेस में लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव करवाए गए थे जिसमें लाडनू से विधायक मुकेश भाकर ने विजय हासिल की थी। लेकिन मुकेश भाकर का पायलट को समर्थन देने के बाद में उन्हें पद से हटा दिया गया था। जिसके बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गणेश घोघरा को यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय किया।
आपको बता दें कि विधायक गणेश घोघरा ने भी महासचिव पद के लिए चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में 69 दावेदार थे जिसमें घोघरा 36 वे नंबर पर रहे। ऐसे में सवाल तो यह भी उठता है कि लोकतंत्र को बचाने की दुहाई देने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत क्या यूथ कांग्रेस में लोकतंत्र को तार-तार कर रहे हैं। दूसरा सवाल यह भी उठता है कि अगर गणेश घोघरा को अध्यक्ष बनाया है तो उनका आधार क्या है? ऐसे राजनेताओं की पसंद से ही अध्यक्ष बनाया जाता है तो फिर चुनाव क्यों करवाया जाता है?
आप को बता दें की मुकेश भाकर ने पार्टी से बगावत की तब उनसे उनका पद छीन लिया गया। लेकिन बाद में सचिन पायलट के साथ भाकर भी फिर से पार्टी के अंदर शामिल हो गए हैं तो ऐसे में उनको पद वापस क्यों नहीं दिया जा रहा है।
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