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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले टूटा महागठबंधन, जीतन राम मांझी ने तोड़ा नाता

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बिहार में विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar assembly election 2020) से पहले दोस्ती टूटने और नए रिश्ते बनने का सिलसिला जारी हो चुका है। अब खबर आ रही है कि जितन राम श मांझी की पार्टी हम ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया है। जीतन राम मांझी की पार्टी हम की कोर कमेटी में यह फैसला लिया गया है कि महागठबंधन में वे शामिल नहीं रहेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि जीतन राम मांझी जेडीयू के समर्थन में आ सकते हैं।


मिली खबर के अनुसार बताया जा रहा है कि जीतन राम मांझी की जेडीयू में घर वापसी की कवायत दे पिछले काफी महीनों से चल रही थी। पहले जेडीयू पार्टी चाहती थी कि जितेन राम की पार्टी हम का पूरी तरह उनकी पार्टी में विलय हो जाए। लेकिन अभी जेडीयू को भी लग रहा है कि ऐसा नहीं हो सकता है ऐसी स्थिति में वे उनके साथ ही कुछ सीटों पर समझौते के लिए तैयार हो सकती है।

माना जा रहा है कि आज जीतन राम मांझी की पार्टी हम की कोर कमेटी की बैठक होने के बाद महागठबंधन से अलग होने का फैसला लिया गया है। हालांकि अभी तक यह बात तय नहीं हो पाई है कि जीतन राम मांझी जेडीयू के साथ जाएगी या नहीं जाएगी। लेकिन सूत्रों के मुताबिक खबर मिली है कि जेडीयू और मांझी के बीच में बात पक्की हो चुकी है।

आपको बता दें कि अभी थोड़े ही दिनों पहले श्याम रजक नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को छोड़कर आरएलडी में शामिल हो गए थे। इस दौरान श्याम रजक ने नीतीश कुमार की पार्टी को दलित विरोधी कहा था। श्याम रजक ने बयान दिया कि बिहार के अंदर ऐसा कोई भी थाना नहीं है जहां पर दलितों के साथ अत्याचार, छेड़खानी और बलात्कार नहीं होता है।


श्याम रजक के इस बयान को लेकर जीतन राम मांझी ने भी रजाक पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। मांझी ने कहा था कि शाम रजाक इतने दिन मंत्री पद का लाभ लेने के बाद में अब नीतीश कुमार की पार्टी को दलित विरोधी बता रहे। रजत के इस बयान को उचित नहीं ठहरा सकते हैं। जीतन राम मांझी के दिया गया इस बयान को लोग घर वापसी को लेकर भी देखा जा रहा है।

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