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राजस्थान कांग्रेस में फिर से संकट के संकेत, सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर पर केस!

राजस्थान कांग्रेस में फिर से संकट के संकेत, सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर पर केस!



राजस्थान की राजनीति में फिर से एक बार बवाल मच सकता है ऐसा संकेत दिखाई दे रहे है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (cm ashok gehlot) ने फिर से सचिन पायलट (sachin pilot) के खिलाफ मोर्चा खोला दिया है। इस बार सचिन पायलट समर्थकों विधायकों को नहीं बल्कि सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर ( sachin pilot media manager) के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।


राजस्थान के पूर्व पीसीसी चीफ और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के झगड़े के दौरान दोनों कैंपों की तरफ खबरे जा रही थी। उसी मामले में पायलट गुट की तरफ से जैसलमेर की होटल ( jaisalmer hotel) में जहां पर गहलोत गुट के कांग्रेस विधायकों को ठहराया गया था तो होटल में फोन टैपिंग का आरोप लगाया गया था। उस मामले को लेकर सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर लोकेंद्र सिंह (sachin pilot media manager lokendra singh) पर जयपुर के अंदर पुलिस में मुकदमा दर्ज किया है।


आप को बता दे कि यह घटना 7 अगस्त की थी लेकिन अब 6 अक्टूबर को इस मामले में केस दर्ज होने से हर कोई हैरान है। चर्चाएं तो यहां तक होने लग गई है कि क्या अशोक गहलोत फिर से सचिन पायलट के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले है।


हद तो तब हुई जब साइबर थाने के एसएचओ सुरेन्द्र पंचोली सचिन पायलट से इजाजत भी नहीं ली और उनके आवास में जा कर उनके मीडिया मैनेजर का बयान लिया और फिर मुकदमा दर्ज कर लिया। आप सोच सकते है कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के आवास में बिना इजाजत घुसना और उसके बाद उनके स्टाफ का बयान लेना फिर करवाई करना कोई आम बात नहीं है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि इस मामले में कोई ऊपर से दबाव है।


गौरतलब है कि जिस तरह सचिन पायलट को नोटिस देने के लिए स्पेसल ऑपरेशन ग्रुप ने केस दर्ज किया था उसी तरह से एक बार फिर अजीब गरीब ढंग से केस दर्ज किया गया है। जिसमें लिखा है कि 6 अगस्त को कंट्रोल रूम का डयूटी ऑफिसर रूम में डयूटी कर रहा था और ऐसे में राजस्थान की गहलोत सरकार के ऊपर पुलिस के फोन टैपिंग करने का आरोप सुनकर वह इतना व्यवित हुए की साइबर थाने में का कर केस दर्ज करवा दिया। साइबर थाने ने पूरे सचिन पायलट स्टाफ को दोषी मानते हुए विधायकपुरी थाने में केस दर्ज करा दिया।


इसी तरह पूर्व पीसीसी चीफ और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को नोटिस थमाया गया था। तो इस मामले से आहत होकर सचिन पायलट ने राजसथान की गहलोत सरकार से बगावत कर ली थी। अब कब एक बार फिर सारा मामला खत्म हो चुका है तब गहलोत सरकार ने गड़े मुर्दे उखाड़ दिये।



इसी साल जुलाई और अगस्त में गहलोत और पायलट दोनों कैंपों के बीच झगड़ा चल रहा था। जिसमें सीएम गहलोत के मीडिया मैनेजर टेलीफोन टैपिंग के वीडियो भेज रहे थे। तो दूसरी और सचिन पायलट कैंप की और से भी इसी चीजे भेजी जा रही थी। लेकिन अशोक गहलोत ने अपने मीडिया मैनेजर का यह कहते हुए बचाव कर लिया की उसे सोशल मीडिया में कहीं मिला था इसलिए मीडिया को से दिया पर सचिन के मीडिया मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।



आप को बता दे कि इस मामले की जांच विधायकपुरी थाने के सीआई ओम मतवा को सौंपी गई है। उनका कहना है कि हमारे पास तो करवाई के लिए भेजा गया है, और बताया गया है कि जल्दी से जल्दी इस मामले की करवाई करें बाकी सब उनके ऊपर के अधिकारी बताएंगे।




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