3850 पंचायतों के चुनाव तारीख की घोषणा!
राजस्थान में पीछे बच्चे 3850 ग्राम पंचायतें का चुनाव कब करवाया जाएगा? इन ग्राम पंचायतों के चुनाव की तारीख की घोषणा कब की जाएगी? ऐसे सवाल आपके दिमाग में भी चल रहे होंगे। तो आज हम आपको इसी के बारे में खबर बताने जा रहे हैं की पीछे बची शेष ग्राम पंचायतों के चुनाव कब होंगे।
आपको बता दें कि राज्य निर्वाचन चुनाव आयोग ने covid-19 के बीच प्रदेश में पीछे बची 3850 ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषद के चुनाव एक साथ करवाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। चुनाव से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हम आपको बता दें कि 15 सितंबर तक के इन सभी चुनाव के तारीखों की घोषणा कर दी जाएगी। जैसे ही इन चुनावों की तारीखों की घोषणा होते ही प्रदेश के सीन पंचायतों में चुनाव होने हैं वहां पर आदर्श आचार संहिता लागू कर दी जाएगी।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर तक के शेष बची हुई ग्राम पंचायतों के चुनाव करवाने के निर्देश दिया है। जिन पंचायतों में अभी तक चुनाव नहीं हुए हैं वहां का सरपंचों का कार्यकाल इसी साल फरवरी में पूरा हो गया था। आपको बता दें कि राज्य चुनाव आयोग ने पहले फरवरी महीने में इन चुनाव कार्यक्रमों का एलान किया था। लेकिन बाद में कोविड-19 महामारी के कारण इन चुनाव को स्थगित करना पड़ा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्याम सिंह राजपुरोहित ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग ने यह चुनाव करवाने के लिए अपनी तरफ से तैयारियां पूरी कर ली है। शेष बचे ग्राम पंचायतों के चुनाव कोरोना गाइडलाइन के तहत करवाया जाएगा। यदि इन सत्रों में कोरोना बेकाबू हुआ तो ऐसे मामले में फिर कोर्ट के आदेश पर सब कुछ किया जाएगा।
चुनाव आयोग की गाइडलाइंस
नया नियम के अनुसार हर वोटर को वोट डालने से पहले मुंह पर मास्क लगाना अनिवार्य होगा।
चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को भी बिना मास्क पहने नामांकन के लिए निर्वाचन अधिकारी के कक्ष में नहीं जाने दिया जाएगा।
उम्मीदवारों द्वारा किया जाने वाले जुलूस और प्रचार में भी कोरोनावायरस की प्रोटोकॉल सख्ती से लागू की गई।
55 वर्ष से अधिक आयु के कार्मिक को यथासंभव कार्य में नहीं लाया जाएगा, हालांकि उन्हें रिजर्व रखा जा सकता है।
संक्रमण की चपेट में आने की आशंका, होने की आशंका ऐसे मामलों में उन कार्मिकों की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी।
गर्भवती महिला कार्मिकों को भी चुनाव में नहीं लगाया जाएगा।
आचार संहिता लगने पर क्या रहेगी पाबंदियां
ऐसे में यह जानना भी जरूरी है कि चुनाव के समय आचार संहिता लग जाएगी तो उसमें क्या-क्या पाबंदी रहेगी। तो आपको बता दें कि आदर्श आचार संहिता लगने के बाद सरकार कोई भी नीति नहीं ला सकती हैं उन्हें लागू कर पाएगी। हालांकि पहले से जो प्रोजेक्ट और नीतियां चल रही है उनका विकास कार्य चालू रहेगा। आचार संहिता लागू हो जाने के बाद में राज्य सरकार किसी भी तरह की लुभावनी घोषणाएं नहीं कर सकती हैं। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में आचार संहिता लगी है उन क्षेत्रों में मंत्री सरकार की गाड़ी का यूज नहीं कर सकते हैं। सरकार की उपलब्धियों को दर्शाने वाले पोस्टर और होल्डिंग को भी हटा दिया जाएगा।
राजस्थान में पीछे बच्चे 3850 ग्राम पंचायतें का चुनाव कब करवाया जाएगा? इन ग्राम पंचायतों के चुनाव की तारीख की घोषणा कब की जाएगी? ऐसे सवाल आपके दिमाग में भी चल रहे होंगे। तो आज हम आपको इसी के बारे में खबर बताने जा रहे हैं की पीछे बची शेष ग्राम पंचायतों के चुनाव कब होंगे।
आपको बता दें कि राज्य निर्वाचन चुनाव आयोग ने covid-19 के बीच प्रदेश में पीछे बची 3850 ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषद के चुनाव एक साथ करवाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। चुनाव से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हम आपको बता दें कि 15 सितंबर तक के इन सभी चुनाव के तारीखों की घोषणा कर दी जाएगी। जैसे ही इन चुनावों की तारीखों की घोषणा होते ही प्रदेश के सीन पंचायतों में चुनाव होने हैं वहां पर आदर्श आचार संहिता लागू कर दी जाएगी।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर तक के शेष बची हुई ग्राम पंचायतों के चुनाव करवाने के निर्देश दिया है। जिन पंचायतों में अभी तक चुनाव नहीं हुए हैं वहां का सरपंचों का कार्यकाल इसी साल फरवरी में पूरा हो गया था। आपको बता दें कि राज्य चुनाव आयोग ने पहले फरवरी महीने में इन चुनाव कार्यक्रमों का एलान किया था। लेकिन बाद में कोविड-19 महामारी के कारण इन चुनाव को स्थगित करना पड़ा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्याम सिंह राजपुरोहित ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग ने यह चुनाव करवाने के लिए अपनी तरफ से तैयारियां पूरी कर ली है। शेष बचे ग्राम पंचायतों के चुनाव कोरोना गाइडलाइन के तहत करवाया जाएगा। यदि इन सत्रों में कोरोना बेकाबू हुआ तो ऐसे मामले में फिर कोर्ट के आदेश पर सब कुछ किया जाएगा।
चुनाव आयोग की गाइडलाइंस
नया नियम के अनुसार हर वोटर को वोट डालने से पहले मुंह पर मास्क लगाना अनिवार्य होगा।
चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को भी बिना मास्क पहने नामांकन के लिए निर्वाचन अधिकारी के कक्ष में नहीं जाने दिया जाएगा।
उम्मीदवारों द्वारा किया जाने वाले जुलूस और प्रचार में भी कोरोनावायरस की प्रोटोकॉल सख्ती से लागू की गई।
55 वर्ष से अधिक आयु के कार्मिक को यथासंभव कार्य में नहीं लाया जाएगा, हालांकि उन्हें रिजर्व रखा जा सकता है।
संक्रमण की चपेट में आने की आशंका, होने की आशंका ऐसे मामलों में उन कार्मिकों की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी।
गर्भवती महिला कार्मिकों को भी चुनाव में नहीं लगाया जाएगा।
आचार संहिता लगने पर क्या रहेगी पाबंदियां
ऐसे में यह जानना भी जरूरी है कि चुनाव के समय आचार संहिता लग जाएगी तो उसमें क्या-क्या पाबंदी रहेगी। तो आपको बता दें कि आदर्श आचार संहिता लगने के बाद सरकार कोई भी नीति नहीं ला सकती हैं उन्हें लागू कर पाएगी। हालांकि पहले से जो प्रोजेक्ट और नीतियां चल रही है उनका विकास कार्य चालू रहेगा। आचार संहिता लागू हो जाने के बाद में राज्य सरकार किसी भी तरह की लुभावनी घोषणाएं नहीं कर सकती हैं। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में आचार संहिता लगी है उन क्षेत्रों में मंत्री सरकार की गाड़ी का यूज नहीं कर सकते हैं। सरकार की उपलब्धियों को दर्शाने वाले पोस्टर और होल्डिंग को भी हटा दिया जाएगा।
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