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पायलट से आहत गहलोत, सीएम पद से दे सकते हैं इस्तीफा?

Ashok Gehlot News, Sachin Pilot


अब धीरे-धीरे राजस्थान में गहलोत ही कांग्रेस और कांग्रेस ही गहलोत की सोच बदलती हुई नजर आ रही है। जिस तरीके से सचिन पायलट खेमा सरकार में अपनी जिम्मेदारी मांग रहा है। जिसके कारण सीएम गहलोत के वर्चस्व पर सवाल उठने लगे हैं।

इसको जानने के लिए आपको सबसे पहले तो यह समझना होगा कि सीएम गहलोत को कैसे 7 झटके लग सकते हैं। सीएम के लिए पहला झटका अविनाश पांडे की राजस्थान से छुट्टी। दूसरा झटका 3 सदस्य कमेटी बना कर दिया गया। ऐसा माना जा रहा है कि तीसरा झटका राजस्थान में सह प्रभारियों को हटा कर दिया जा सकता है। चौथा झटका गहलोत मंत्रिमंडल में सचिन पायलट खेमे के विधायकों को शामिल करके दिया जा सकता है। 5 वि झटका पायलट खेमे से उपमुख्यमंत्री बनाकर। छठा झटका संगठन में पायलट खेमे को बराबर का हक दिलवा कर दिया जा सकता है। और 7 वा झटका राजनीतिक नियुक्तियों में सचिन पायलट को भी गहलोत के बराबर का हक देकर किया जा सकता है।

हालांकि सूत्रों के द्वारा खबरें मिल रही हैं उसके अनुसार सचिन पायलट खुद सरकार में भागीदार नहीं बनेंगे। लेकिन पायलट की यह कोशिश जरूर है कि उनके चार पांच विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए। लेकिन इन बड़े झटकों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आहत हैं। क्योंकि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चाहते थे कि पायलट समेत 19 विधायक फिर से कांग्रेस में ना आए और सचिन पायलट की कांग्रेस के अंदर फिर से वापसी ना हो।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की यह भी चाहते हैं कि बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के साथ-साथ निर्दलीय विधायकों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए। लेकिन आब सचिन पायलट की फिर से कांग्रेस में वापसी के बाद उनके ऊपर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। जो विधायक  गहलोत को समर्थन करने वाले सीएम से यह उम्मीद लगा बैठे थे कि उनको मंत्रिमंडल में जरूर शामिल किया जाएगा। लेकिन अब सचिन पायलट गुट की भी मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीति नियुक्तियों में आलाकमान हिस्सेदारी कर सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस्तीफा देने जैसा कोई कार्ड खेल सकते हैं। ऐसे में राजस्थान के अंदर कांग्रेस का वर्चस्व खतरे में पड़ जाएगा। लेकिन मुमकिन है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस्तीफा देकर कांग्रेस आलाकमान को चुनौती दे।



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