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आखिरकार लंबे समय के इंतजार के बाद नई कांग्रेस वर्किंग कमेटी का ऐलान कर दिया गया है राहुल गांधी द्वारा बनाई गई 51 सदस्यों की समिति में 23 सदस्य, 10 नेताओं का विशेष और 18 स्थाई सदस्य बनाया है इस सीडब्ल्यूसी की पहली बैठक 22 जुलाई को है
कांग्रेस वर्किंग कमेटी में राहुल गांधी ने कई सारे पुराने चेहरों को नहीं रखा है जिस में काफी सारे नेताओं का नाम आता है दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, जर्नादन द्विवेदी, सीपी जोशी, करण सिंह, मोहन प्रकाश, जैसे बड़ा नाम निकल कर सामने आ रहे हैं
आपको बता दें कि यह नेताओं का सोनिया गांधी का सबसे बड़ा रणनीतिकार बताया जाता है
इस कमेटी में सबसे ज्यादा नाम उत्तर प्रदेश है सामने आए हैं उत्तर प्रदेश के 6 नाम लिया गया है कर्नाटक और केरला से 3 - 3 और हरियाणा से 4 नाम ले लिया गया है
दूसरे राज्यों की तरफ नजर घुमाएं तो बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, गोवा, तेलगाना, जैसे राज्य से अभी तक कोई प्रतिनिधि नहीं मिला है
राहुल गांधी ने कमेटी में 8 पूर्व मुख्यमंत्रियों को शामिल किया गया है इसके अलावा 11 पूर्व केंद्रीय मंत्री भी इसमें शामिल है
राहुल गांधी ने वर्किंग कमेटी में पंजाब के मुख्यमंत्री व पांडेचेरी मुख्यमंत्री को भी कमेटी में जगह नहीं दी गई है
राहुल गांधी की मौजूदगी में वर्किंग कमेटी गठन होने में बहुत लंबे समय तक का इंतजार करना पड़ा उसके बाद जाकर अब होने वाली है जबकि आपको बता दें कि पहले का कांग्रेस का इतिहास है कि नए अध्यक्षों के चुनाव होने के बाद AICC अधिवेशन के 10 दिन के अंदर अंदर गठन हो जाता था इस बार ही थोड़ा लेट हो गया है
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राहुल गांधी 2019 का चुनाव नजदीक देखते हुए वर्किंग कमेटी का गठन पहले नहीं किया गया था अब इसलिए किया गया क्योंकि अब चुनाव पास में आ गया
इस बटन में राहुल गांधी के साथ में बुजुर्ग नेताओं का अनुभव और युवा नेताओं का जोश दोनों ही देखने को सामने आ रहा है इसी के चलते राहुल गांधी ने वर्किंग कमेटी गठन का लोगों को इंतजार करवाया
राहुल गांधी ने 2019 के नजदीक आते चुनाव को ध्यान में रखकर वरिष्ठ नेताओं के अनुभव तथा युवा नेताओं का जोश सबको साथ में लेकर चलने की कोशिश की और लगातार करते आ रहे हैं इसके साथ ही पार्टी में ऐसे दमदार लोगों को रखा गया है जो पकड़ बना सके यानी की पार्टी की जड़े मजबूत कर सके जो गांधी परिवार के वफादार भी माने जाते हैं
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