राजस्थान भारतीय जनता पार्टी में गुटबाजी उफान पर है। जिसे भाजपाई छुपाने की कोशिश तो बहुत करते है लेकिन वो छुपा नहीं पा रहे है क्युकी कही ना कही किसी भी हालत में गुटबाजी झलक ही जाती है। इसी कड़ी में बात कर लेते है राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की जिनका 8 मार्च को जन्म दिन है और इसी दिन राजे कुछ बड़ा करने जा रही है।
जी हां वसुंधरा राजे 8 मार्च को अपने जन्म दिन के मौके पर धार्मिक यात्रा शुरू करके राजस्थान के तमाम बीजेपी के नेताओ के साथ साथ आलाकमान को भी साफ तौर पर दिखा देना चाहती है की राजस्थान भाजपा में मुख्यमंत्री का चहरा सिर्फ और सिर्फ वो खुद है इसके अलावा कोई नहीं।
वसुंधरा राजे की धार्मिक यात्रा को लेकर राजस्थान की सियासत गरमाई हुई है। अब वसुंधरा राजे की धार्मिक यात्रा को लेकर प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस में नेताओ के बीच सियासी पलटवार शुरू हो गया है। इन सब के बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता और राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का बयान आता है की वो वसुंधरा राजे की धार्मिक यात्रा में शामिल नहीं होंगे।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा की देव दर्शन हमारी संस्कृति है। जिसमे हम सब लोग देवताओं के दर्शन करते रहते है। लेकिन वो राजे की यात्रा में शामिल नहीं होंगे क्युकी वो उनका निजी कार्यक्रम है। इसके साथ की राठौड़ ने कहा की कोई भी वक्ति को निजी कार्यक्रम करने का पूरा हक है। यह कहते हुए राजेंद्र राठौड़ ने सीधी भाषा में मना कर दिया की मैं उनके साथ नही जाऊंगा।
राजेंद्र राठौड़ के इसी बयान को लेकर कांग्रेस को भी दो बात बोलने का मौक़ा मिल गया। इसी कड़ी में राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और राज्य शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पलटवार किया। गोविंद सिंह डोटासरा ने तंज भरे लहजों में कहा की वसुंधरा राजे की धार्मिक यात्रा में राजेंद्र राठौड़ शामिल नहीं होने की बात बोल रहे है। तो क्या वसुंधरा राजे ने राठौड़ को यात्रा में बुलाया है? पहले तो वो यह स्पष्ट करें।
डोटासरा ने कहा की अब चाहे राजस्थान में वसुंधरा राजे यात्रा करे या फिर जेपी नड्डा यात्रा करे। अब कुछ होने वाला नहीं है। राजस्थान बीजेपी में आपसी खींचतान के चलते ही भाजपा ने अध्यक्ष सतीश पूनिया को तलब कर लिया है।
गोविंद सिंह डोटासरा के अलावा राजस्थान सरकार में मंत्री बीडी कल्ला का भी राजे की धार्मिक यात्रा को लेकर बयान सामने आया है। कल्ला ने कहा की मुझे मालूम नहीं की वसुंधरा राजे किस प्रायजन से यात्रा कर रही है। वैसे धार्मिक यात्राएं आध्यात्मिक लाभ और मोक्ष के लिए होती है। उन्होंने कहा की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राजस्थान के माउंट आबू में 1984 में गुप्त रूप में रूद्राभिषेक किया था। बहुत कम लोगों को इसके बारे में जानकारी होगी। इंदिरा गांधी ने भी इस बात को गुप्त रखा और हमने भी कभी इस बात का जिक्र नहीं किया।
इसके अलावा विधायक सयम लोढ़ा का कहा की ऐसा पहली बार हो रहा है की वसुंधरा राजे इस बार चुनाव से पहले सक्रिय हो गई है। इसे पहले दो बार जब चुनाव हार गई थी तब वो बाद में दिखती नहीं थी। बीजेपी हाईकमान ने उन्हें सीएम का चहरा बनाने से मना कर दिया है। जिसके बाद राजे अपनी साख बचाने के लिए धार्मिक यात्रा कर रही है।
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