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इस काम में गहलोत-पायलट के मददगार बन वसुंधरा राजे ने सिखाया बीजेपी को सबक?



 राजस्थान में हुए सियासी प्रकरण के बाद राजस्थान की जनता अभी कैनफियुज है की कांग्रेस में बने अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट में किसकी हार और किसकी जीत हुई है।


लेकिन इस पूरे प्रकरण में अप्रत्याशित। विजेता राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता वसुंधरा राजे रही है। जिसे सब ने कहा खारिज कर दिया। राजे ने लंबी शितनिंद्रा से सही समय पर बाहर आते हुए अपने राजनीतिक प्रभाव को फिर से स्थापित किया है।



राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे ने साबित कर दिया की चाह आप पसंद करो या फिर नफरत करो लेकिन उसको नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। वसुंधरा राजे की कार्यशैली और उसके काम करने के तरीके पर कईयों को आपत्ति हो, लेकिन कोई भी उनके करिश्मा, कार्यशैली और उनकी अपील और राज्य में उनकी हैसियत पर कोई सवाल खड़ा नहीं कर सकता है।


पिछले एक साल से अधिक समय से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक दिल्ली में स्थिति भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा उपेक्षित कर रहे थे। लेकिन राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को एक महीन तक संकट में डाल कर रखने वाला सचिन पायलट प्रकरण राजे के लिए वरदान से काम नहीं था। राजस्थान में हुए इस प्रकरण में अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे दोनों को ही राज्य में और राष्ट्रीय स्तर पर अपने नेतृत्व कौशल को साबित करने का अवसर प्राप्त हुआ। 

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